Sharad Purnima Kab Hai: कब है शरद पूर्णिमा ? जाने शुभ मुहूर्त तिथि और समय, हिंदुओं का एक पवित्र त्यौहार और व्रत जिसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इसके अन्य नाम कोजागिरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा भी है। यह यह हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास मांस को ही शरद पूर्णिमा कहा जाता है। जो की सबसे पवित्र दिन है, पूरे साल भर में 12 पूर्णिमा होती है। लेकिन शरद पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है। क्योंकि इस दिन महिलाएं व्रत रखकर उपवास भी करती हैं और भी बहुत कुछ ऐसे कृत्य होते हैं जो हिंदू पंचांग के अनुसार किए जाते हैं|
Sharad Purnima Kab Hai
अगर आप भी जाना था चाहते हैं कि साल 2023 में शरद पूर्णिमा कब है (Sharad Purnima Kab Hai) ? तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस साल 2023 को शरद पूर्णिमा शनिवार, 28 अक्टूबर को मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार आशीर्वाद कोई शरद पूर्णिमा कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक पूरे साल में चंद्रमा शरद पूर्णिमा के दिन ही अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इसका काफी महत्व होता है।
क्योंकि इस दिन कथा भी श्रवण की जाती है। शरद पूर्णिमा का व्रत करने के साथ-साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और कथा करना भी लाभदायक साबित होता है। इससे सारी समस्याएं भी समाप्त हो जाती है. ऐसा हिंदू पंचांग का मानना है। यह पूर्णिमा बाकी पूर्णिया से अलग है क्योंकि इस दिन महिला खीर बनाकर रात को चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है। सुबह उठकर इसका सेवन भी किया जाता है।
शरद पूर्णिमा की शुरुआत 28 अक्टूबर शनिवार को सुबह 4:17 से हो जाएगी, इसके बाद यह समाप्त 28 अक्टूबर की रात को 3:40 पर हो जाएगी। यही वजह है कि शरद पूर्णिमा का व्रत 28 अक्टूबर को ही रखा जा रहा है. हालांकि इसी दिन चंद्र ग्रहण पड़ने की वजह से खीर को घर के आंगन में चंद्रमा की रोशनी में चंद्र ग्रहण लगने से पहले तक समय ही रखना चाहिए! क्योंकि चंद्र ग्रहण की रोशनी अगस्त पर पड़ जाती है तो यह दुषित माना जाएगा।
शरद पूर्णिमा पर लग रहा है चंद्र ग्रहण
ईश्वर शरद पूर्णिमा के अवसर पर चंद्र ग्रहण लगने की शुरुआत 28 अक्टूबर को रात 1:05 पर शुरू हो रहा है। जो की 2:23 पर समाप्त होगा। इसलिए चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही आप लोगों को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में घर के आंगन में रखना चाहिए। इसके बाद सुबह स्नान करके इसकी इसका सेवन किया जा सकता है, जो की शुभ रहेगा और आपकी खीर भी दूषित नहीं होगी | हालांकि चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल की शुरुआत में आप लोगों को किसी प्रकार का पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। बल्कि ऐसी स्थिति में आप लोगों को भगवान का नाम का जाप करना चाहिए |
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त क्या है ?
अगर आप भी शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Shubh muhurt) के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि कुछ पॉपुलर मीडिया रिपोर्ट्स न्यूज़ 18 के मुताबिक पूर्णिमा के दिन दोपहर 3:00 बजे सूतक काल की शुरुआत हो रही है। इस दौरान आप लोगों को पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। बल्कि माता लक्ष्मी और विष्णु जी की आराधना और उनका नाम रखना चाहिए। अतः चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद ही आप लोगों को शरद पूर्णिमा की पूजा करनी चाहिए |