महाशिवरात्रि 2024: जैसा आप आपको पता है कि भगवान शिव को भारत में अनेक नाम से जाना जाता है. प्रतीक नाम का अलग ही महत्व है. और महादेव की हर एक नाम से एक अलग मतलब जुड़ा हुआ है. अगर उनको भोलेनाथ कहा जाता है तो यह उनके भोलेपन स्वरूप का प्रतीक है. इसी प्रकार अगर उन्हें पशुपतिनाथ कहा जाता है तो तो यह उनके पशु पक्षी और जीव आत्माओं के स्वरूप होने का प्रतीक है. कुछ इस प्रकार ही अलग-अलग स्वरूप अलग-अलग कथाओं से जुड़े हुए हैं.
महाशिवरात्रि 2024
जैसा कि आप सबको पता है कि आज 8 मार्च 2024 है और आज शाम को 9:57 पर महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त शुरू हो रहा है जो कि अगले दिन 9 मार्च 2024 को 6:17 शाम के समय तक रहने वाला है। इसी बीच महाशिवरात्रि के त्योहार पर अगर आप उनके आठ नाम के बारे में जानते हैं तो यह आप लोगों के लिए बहुत ही अच्छा होने वाला है क्योंकि इससे अच्छा शुभ संकेत आपके जीवन में कुछ और नहीं हो सकता है. महाशिवरात्रि की पूजा के दौरान उनके इन 8 नाम का जाप किया जा सकता है.
महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ के 8 नाम
भगवान शिवा आठ अन्य नाम से भी जाना जाता है शायद ही आप लोगों को उनके बारे में पता होगा. यह आठ नाम शिव पुराण के अनुसार बताए गए हैं वह प्रत्येक नाम की अपनी एक अलग ही कथा है. इसलिए अगर आप भगवान शिव के प्रत्येक नाम का जाप करते हैं तो यह आप लोगों की बहुत ही अच्छा कार्य होने वाला है-
1. रुद्र
श्री भगवान शिव जी का एक रुद्र अवतार मौजूद है. उनके इस स्वरूप को रूद्र कहा जाता है. वैसे तो यह उनके क्रोध वाले स्वरूप को वर्णित करता है. लेकिन इसका मतलब यह है कि यह आपके अंदर उपस्थित सभी दुख और दुष्ट लोगों को खत्म करने का काम करता है.
2. पशुपतिनाथ
भगवान शिव जी का दूसरा नाम पशुपतिनाथ है. जो सभी प्राणी जीव जंतुओं से जुड़ा हुआ है इसके पीछे की कथा यह है कि भगवान भोलेनाथ पशु पक्षी और जीवात्माओं के स्वामी माने जाते हैं इसलिए उन्हें पशुपतिनाथ नाम से भी जाना जाता है.
3. अर्धनारीश्वर
यह नाम तो आप लोगों ने किस्से कहानियों में या फिर कथाओं में जरूर सुना होगा कि भगवान शिव को अर्धनारीश्वर कहा जाता है. इसके पीछे की कथा यह है कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के आधे शरीर के मिलन को अर्धनारीश्वर कहा गया. जो की माता पार्वती और भगवान शिव के आधे – आधे पार्थिव शरीर को जोड़कर बनाया गया है.
4. महादेव
इस शब्द का मतलब तो आप भली बात ही जानते होंगे. शिवजी को महादेव इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह देवों के देव हैं. अर्थात सभी देवताओं से बढ़कर और सभी देवता जानकी आज्ञा का पालन करते हैं उन्हें महादेव कहा जाता है सभी देवों में महान स्वरूप का वर्णन करने के लिए भोलेनाथ को महादेव पुकारा गया.
5. भोलेनाथ
शिवजी को भोलेनाथ भी इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका एक स्वरूप ऐसा है कि वह किसी भी राक्षस से प्रसन्न हो जाते हैं. क्योंकि यह उनके भोलेपन का प्रतीक है इसलिए उनको भोलेनाथ कहा जाता है. उनके स्वरूप को वर्णन तो आप लोगों ने कई सारे किस कहानियों में या फिर शिव पुराण की कथाओं में जरूर सुना होगा.
6. लिंघम
लिंगम शब्द से तात्पर्य पूरे ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है. अर्थात पूरे ब्रह्मांड के स्वामी को लिंगम कहा गया है. जो की भोलेनाथ ही है इनका ना तो जन्म हुआ है और ना ही मृत्यु हुई है. भोलेनाथ को अंत और आदि का प्रतीक माना जाता है अर्थात ना तो इनका कोई अंत है और ना ही आदि. यह अनादि काल तक जीवित रहने वाले हैं.
7. नटराज
भगवान शिव जी के नटराज शब्द के बारे में तो आप लोगों ने कई बार सुना ही होगा. इस नाम से एक पेंसिल बनाने वाली कंपनी भी है. नटराज को नृत्य के देवता के रूप में माना जाता है. नटराज भगवान भोलेनाथ के तांडव रात के बहुत ज्यादा करीब रहे हैं. इसी वजह से उन्हें नटराज का स्वामी भी कहा गया है.