Hindu Dharma: हिंदू धर्म में महिलाएं मंगलसूत्र क्यों पहनती है जान क्या है कारण?

Hindu Dharma हिंदू धर्म में महिलाएं मंगलसूत्र क्यों पहनती है जान क्या है कारण
Hindu Dharma हिंदू धर्म में महिलाएं मंगलसूत्र क्यों पहनती है जान क्या है कारण
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Hindu Dharma News: आप सब बहुत अच्छी तरीके से जानते हैं कि जब भी हिंदू धर्म में किसी महिला की शादी हो जाती है तो उसके पश्चात उस महिला को अन्य महिलाओं के द्वारा अनिवार्य रूप से कुछ धर्म के रीति रिवाज फॉलो करने के लिए कहे जाते हैं. इसके अंतर्गत माथे पर तिलक लगाने के साथ गले में मंगलसूत्र पहनना भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके पीछे कुछ कारण है अगर आप भी इस कारण के बारे में जानना चाहते हैं तो हम इस आर्टिकल में आपको मंगलसूत्र पहनने के पीछे के कारण को बताने वाले हैं. जो कि हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व रखता है.

Hindu Dharma News

विश्व का सबसे पुराना धर्म कहे जाने वाला हिंदू धर्म (Hindu Dharma News) अभी के समय में एकमात्र ऐसा धर्म है जिसे पूरे संसार में लाखों करोड़ों लोग फॉलो कर रहे हैं. आजकल तो विदेशों से भी लोग हिंदू धर्म के रीति रिवाज को फॉलो कर रहे हैं. कई लोग बजे सुबह रहते हैं और भारत आकर अपने आध्यात्मिक यात्रा को शुरू कर लेते हैं. क्योंकि हिंदू धर्म में आत्मिक ज्ञान की शांति के बारे में आपको भरपूर मात्रा में जानकारी प्राप्त हो जाती है. इतना ही नहीं जो हिंदू धर्म है।‌

यहां पर शादी के बाद एक महिला के जीवन में काफी सारे परिवर्तन आ जाते हैं उसमें से एक परिवर्तन तो यह है कि उसे गले में अपने पति के नाम का मंगलसूत्र पहनना पड़ता है और मांग में सिंदूर भी भरना पड़ता है. यह दोनों कार्य ही अनिवार्य होते हैं किसी भी भारतीय शादीशुदा महिला के लिए. जो सनातन धर्म में विश्वास रखती है. इसके पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों कारण है. आईए जानते हैं कि क्या है हिंदू धर्म में महिला शादी के बाद मंगलसूत्र क्यों पहनती है?

हिंदू धर्म को मानने वाली शादी के बाद महिला मंगलसूत्र क्यों पहनती है?

आप लोगों ने अक्सर देखा होगा या फिर कई बार आपके मन में यह सवाल उठा होगा, की शादी के बाद किसी भी महिला को गले में मंगलसूत्र पहनना और मांग में सिंदूर भरना अनिवार्य हो जाता है. तो धार्मिक विश्व के मुताबिक शादी के बाद महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार अनिवार्य हो जाता है. हिंदू धर्म की महिला अपने शरीर और वैभव को सजाने के लिए जितनी भी प्रकार के गहने और आभूषण का इस्तेमाल करती है ।

इनको मिलाकर टोटल 16 श्रृंगार कहा जाता है। ‌इसमें मंगलसूत्र भी शामिल है. एक तरफ तो यह आपके सौंदर्य को बढ़ावा देता है तो दूसरी तरफ मंगलसूत्र पहनने वाली महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए यह कार्य करती है. क्योंकि हिंदू धर्म में पति को परमेश्वर कहा गया है और पत्नी को आदिशक्ति का रूप बताया गया है. इसके पीछे एक धार्मिक कथा भी प्रचलित है आईए जानते हैं इसके बारे में.

भगवान शिव और पार्वती से जुड़ी है कथा

धर्म के जानकारों के अनुसार – भारत में मंगलसूत्र पहनने की परंपरा भगवान शिव और माता पार्वती की शादी के बाद ही शुरू हुई थी. ऐसा हमें कई सारे शास्त्रों में पढ़ने पर पता चलता है. आप सबको पता है कि भगवान शिव जी की शादी माता पार्वती से अलग-अलग रूपों में हुई है अर्थात एक बार उन्होंने भोलेनाथ से प्रजापति दक्ष की पुत्री बनकर सती के रूप में विवाह किया.

तो दूसरी ओर माता पार्वती के रूप में उन्होंने हिमालय के राजा की पुत्री बनकर विवाह किया. इसके बाद जब वह माता पार्वती से विवाह कर रहे थे, तब उन्हें माता सती की बहुत ज्यादा याद आ रही थी. किसी को दूर करने के लिए उन्होंने माता पार्वती को एक रक्षा सूत्र गले में पहनाया था. इस रक्षा सूत्र में काले मोती और पीला धागा मौजूद था.

पीला धागा माता पार्वती का प्रतीक है और काले मोती भगवान भोलेनाथ के प्रतीक हैं. बाद में इसी रक्षा सूत्र को मंगलसूत्र कहा जाने लगा. भगवान शिव ने माता पार्वती को मंगलसूत्र इसलिए पहनाया था क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि किसी भी प्रकार का अपशगुन घटित हो. बाद में इसे सनातन धर्म एक परंपरा के रूप में जाना जाने लगा.