क्या एआई खतरनाक है? जाने क्या कहती है रिसर्च

क्या एआई खतरनाक है जाने क्या कहती है रिसर्च
क्या एआई खतरनाक है?
WhatsApp Icon Join our WhatsApp Group

क्या एआई खतरनाक है? इस बात को अब नकारा नहीं जा सकता है. सन 2023 में ChatGPT के आ जाने के बाद यह आम तौर पर एक काफी चिंताजनक और खतरनाक सवाल बन चुका है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या मानव और ह्यूमन सिविलाइजेशन के लिए कोई खतरा तो पैदा नहीं कर सकती है. तो आज किस आर्टिकल में हम आप लोगों को किसी सवाल का जवाब देने वाले हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किन-किन क्षेत्रों में मानव के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ‌

क्या एआई खतरनाक है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को देखते हुए यह सवाल काफी चिंताजनक है ? आए दिन मार्केट में कोई ना कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल लॉन्च किए जाते रहते हैं ऐसे में यह मानव के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं इस बात से नकारा नहीं जा सकता है क्योंक AI Model का उपयोग एक तरफ तो हमारे लिए सकारात्मक है तो दूसरी तरफ नुकसानदायक भी हो सकता है।‌

जेनरेटिव एआई एक तरफ तो हमारे लिए कई प्रकार के समाधान दे देता है तो दूसरी तरफ इसका नुकसान भी हमारे लिए ही होने वाला है. क्योंकि जेनरेटिव आई का उपयोग आज के समय हम लेखन कार्य, कोडिंग और कई प्रकार की समस्याओं का समाधान करने के लिए इसका उपयोग किया सकता है। लेकिन यही समस्याएं की भविष्य में हमारे लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकता है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे होगा हमारे लिए खतरनाक?

अगर आप लोग इस सवाल का जवाब पाना चाहते हैं तो सबसे पहले आप लोगों को यह जान लेना चाहिए की मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक टेक्नोलॉजी है जिसके आधार पर कई प्रकार की वेबसाइट और एआई मॉडल बनाए जा रहे हैं. जिसमें DeepFake टेक्नोलॉजी शामिल है. यह एक इस प्रकार की टेक्नोलॉजी है जिसमें दो अनजान व्यक्तियों की फोटो और वीडियो को एक दूसरे से बदला जा सकता है.

और फिर उसे इसका उपयोग करके ब्लैकमेल भी किया जा सकता है. इसके संबंध में पिछले कुछ समय पहले रश्मिका मंदांना का इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक भारतीय मूल की विदेशी लड़की के चेहरे के साथ रश्मिका मांडना का चेहरा जोड़ दिया गया था इसके बाद अलग-अलग सेलिब्रिटी के साथ की है कार्य किया गया था और उनकी वीडियो इंटरनेट पर इतना वायरल हो गया था कि उस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक खतरे का सिग्नल है।

इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे लिए कई महीनो में भी खतरनाक साबित हो सकता है जैसे कि रोबोटिक टेक्नोलॉजी आने वाले समय में बढ़ने वाली है। लेबर से संबंधित कार्य आने वाले समय में इंसानों की जगह रोबोट करने वाले हैं तो ऐसी स्थिति में अगर रोबोट पर किसी और व्यक्ति का कंट्रोल हो जाता है तो वह कुछ भी कर सकता है?

क्योंकि उसे सही और गलत की समझ नहीं होने वाली है। जिस प्रकार का डाटा उसमें इनपुट किया जाएगा वह उसी प्रकार का आउटपुट देने में सक्षम हो जाता है। ‌ इतना ही नहीं हमारी गोपनीयता, साइबर सिक्योरिटी, DeepFake और डाटा प्राइवेसी जैसी कई प्रकार के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे लिए उसके लिए पैदा कर सकता है। ‌