भारत की पहली हाइड्रोजन बस, दौड़ रही दिल्ली की सड़कों पर, जाने कैसे करती है काम?

भारत की पहली हाइड्रोजन बस, दौड़ रही दिल्ली की सड़कों पर, जाने कैसे करती है काम
भारत की पहली हाइड्रोजन बस, दौड़ रही दिल्ली की सड़कों पर, जाने कैसे करती है काम
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हाइड्रोजन बस जो की हाइड्रोजन गैस से चलाई जाती है. इसमें असीम संभावनाएं छुपी हुई है जिसकी वजह से भारत सरकार लगातार इस इंडस्ट्री को खोलने की कोशिश कर रही है. सबसे पहले अंग्रेजों के समय में कोयले से चलने वाली ट्रेन को भारत में लाया गया इसके पश्चात धीरे-धीरे करके पेट्रोल और डीजल पर आधारित चलने वाले वाहनों को मार्केट में उतर गया.

इलेक्ट्रिसिटी का जमाना आ चुका है यानी कि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की तरफ बढ़ रहे हैं।‌ लेकिन आने वाले 10 सालों के भीतर हाइड्रोजन व्हीकल का चलन भारतीय मार्केट में बढ़ जाने वाला है. ऐसे में पिछले साल 2023 में भारत में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के द्वारा हाइड्रोजन गैस से चलने वाली बस को हरी झंडी दिखा दी गई है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह हाइड्रोजन बस कैसे काम करती है? और इसके क्या फायदे होने वाले हैं?

हाइड्रोजन बस क्या है?

हाइड्रोजन गैस को इंजन के रूप में उपयोग किए जाने पर जिन वाहनों को चलाया जा रहा है इस प्रकार के सभी वाहनों को हाइड्रोजन व्हीकल कहा जाता है. अगर हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल ईंधन के रूप में बस में किया जाता है, तो यह हाइड्रोजन बस कहलाती है. अब लेकिन यह भविष्य नहीं बल्कि वर्तमान बन चुका है ।

क्योंकि हाइड्रोजन बस को दिल्ली की सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है. भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के द्वारा हाइड्रोजन गैस से चलने वाली बसों को ट्रायल के तौर पर दिल्ली में कर्तव्य पथ पर मंजूरी दे दी गई है. दरअसल इनको 3 लाख किलोमीटर चलने का लक्ष्य रखा गया है. आईए जानते हैं इसके बारे में.

हाइड्रोजन बस के लाभ

अगर हाइड्रोजन से चलने वाले व्हीकल भारतीय मार्केट में अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाते हैं तो इससे कुछ फायदे होने वाले हैं और कुछ नुकसान भी होने वाले हैं. क्योंकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. अगर फायदे की बात करें तो हाइड्रोजन व्हीकल भारतीय मार्केट में जब आ जाते हैं तो एक सबसे बड़ा फायदा हमारे हिसाब से भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट कोई है होने वाला है कि हमें पेट्रोलियम पदार्थों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर पहले के मुकाबले कम रहना पड़ेगा.

यानी कि यह आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक कदम होगा. इसके अलावा ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल करने से दूसरा फायदा यह होने वाला है कि प्रदूषण में राहत मिलेगी. क्योंकि हाइड्रोजन को जब फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो इसे एक तरफ तो प्रदूषण कम होने वाला है क्योंकि इसकी ऑक्सीकरण क्रिया होने के पश्चात पानी बनेगा. तो दूसरी तरफ ध्वनि प्रदूषण में भी फायदा हो जाएगा. क्योंकि हाइड्रोजन को उनके रूप में इस्तेमाल करने से कम आवाज पेट्रोल के मुकाबले आती है.

अन्य हाइड्रोजन गैस के फायदे-

  • पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी मिलेगी.
  • ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण में राहत मिलेगी.
  • दिल्ली में प्रदूषित हवा का स्तर कम हो जाएगा.
  • भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाएगी.
  • ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नई क्रांति आएगी.
  • नए बिजनेस की असीम संभावनाएं खुलेंगे.
  • ‘एक तीर दो निशाने’ वाले काम ऐसे किया जा सकते हैं. क्योंकि पानी की मदद से हाइड्रोजन गैस को बनाया जाता है और हाइड्रोजन गैस के ऑक्सीकरण के पक्ष अपनी ही बनता है। जिससे प्रदूषण नहीं होगा.

हाइड्रोजन गैस के इस्तेमाल से नुकसान-

हाइड्रोजन गैस को अगर ईंधन के रूप में हमारे परंपरागत वाहनों में उपयोग किया जाता है तो इससे सबसे बड़ा नुकसान यह होने वाला है क्योंकि हाइड्रोजन गैस एक विस्फोटक गैस कही जाती है. अर्थात आप सबको पता है कि हाइड्रोजन बम कितने ज्यादा खतरनाक होते हैं? जब अगर हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और किसी भी गलती की वजह से अगर यह ब्लास्ट हो जाती है तो कितना ज्यादा नुकसान हो सकता है?

हालांकि हाइड्रोजन गैस को संचित करके रख पाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि यह बहुत ही क्रियाशील और संश्लेषित गैस होती है. जो आसानी से लगभग सभी पदार्थों से क्रिया कर लेती है. इसकी वजह से इसको स्टोर करके रख पाना थोड़ा मुश्किल है. वर्तमान में हाइड्रोजन गैस के इस्तेमाल से इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करके एक बैटरी में पावर को संचित किया जाता है. और इस इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग वाहनों को चलाने के लिए किया जाता है.