Cashew Farming: अगर आपके सामने से संबंधित कोई बिजनेस आइडिया की तलाश कर रहे हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम आप लोगों के लिए काजू की खेती के बारे में जानकारी देने वाले काजू की खेती की दुकान भारत में काफी ज्यादा है.
इसके बारे में आप बहुत ही अच्छी तरीके से जानते हैं क्योंकि 25% काजू पूरी दुनिया भर का भारत में उत्पादित किया जाता है तो इसकी डिमांड को देखते हुए आपके इस आर्टिकल में हम आप लोगों को इसके संबंध में डिटेल्स में जानकारी देने वाले हैं.
Cashew Farming
14 से लेकर 15 मीटर लंबा काजू की खेती करने के लिए इसका पेड़ लगाया जाता है अर्थात इसके पेड़ की लंबाई 14 या 15 मीटर के आसपास होती है. जो की एक सुखे मेवे के रूप में भी जाना जाता है.
इसकी खेती करने से पहले आपको किया ध्यान रखना है कि इसकी खेती करने के लिए इसका पौधा लगभग 3 साल में जाकर तैयार होता है और काजू की खेती के दौरान आपको काजू सेल करने से भी कमाई होती है इसके अलावा इसके छिलके से भी काफी अच्छी कमाई की जा सकती है.
काजू की खेती कैसे करें?
अगर आप लोगों ने काजू की खेती करने का मूड बना लिया है तो आपको बता दे कि भारत में कुल उत्पादन का 25% ही काजू की खेती की जाती है. आमतौर पर भारत में इसकी खेती केरल महाराष्ट्र गोवा कर्नाटक तमिलनाडु आंध्र प्रदेश ओडिशा पश्चिम बंगाल में की जा रही है और अगर आपको भी इसकी खेती करना चाहते हैं तो यहां जाकर किसानों के साथ ट्रेनिंग ले सकते हैं।
या फिर ऑनलाइन गवर्नमेंट सर्टिफाइड कोर्स जाकर ज्वाइन कर सकते हैं। काजू की खेती करने के लिए आमतौर पर दोमट और लाल मिट्टी बहुत ही ज्यादा अच्छी मानी जाती है. जबकि तापमान 20 से 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास ठीक रहता है. इसमें बीज लगाने के बाद जैविक खाद का उपयोग करके आप काफी अच्छी पैदावार बढ़ा सकते हैं अलग-अलग किस्म की के काजू भी उगाई जा सकती है।
काजू की खेती से कमाई
देखिए अगर आप काजू की खेती एक बिजनेस माइंडसेट से करेंगे तो आप काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि काजू की खेती के लिए आप लोगों को थोड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है इसके लिए जमीन की आवश्यकता भी होने वाली अगर इससे कमाई की बात करें तो काजू की खेती से आप लोग करीब 3 साल में जाकर कमाई शुरू कर पाएंगे तो ऐसी स्थिति में आप लोगों को थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता होगी.
भारत से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी काफी ज्यादा डिमांड है ₹1200 प्रति किलो के हिसाब से भारतीय मार्केट में काजू आता है. जितना ज्यादा आप प्रोडक्टिविटी बढ़ाएगी उतनी ज्यादा कमाई के चांसेस बढ़ जाएंगे. वैसे इसकी खेती करने के लिए आप लोग ट्रेनिंग लेकर ही आगे बढ़े क्योंकि हर बात में कुछ दिक्कत आती है तो उसके जरिए आप सॉल्व कर सकते हैं. इसके अलावा सरकार की मदद फाइनेंशली सपोर्ट के लिए भी नहीं जा सकती है.
विषय
विवरण
काजू की खेती
भारत में काजू की खेती 25% है और यह दुनिया भर में उत्पादित कुल काजू का 25% होता है।
पेड़ की लंबाई
काजू के पेड़ की लंबाई 14-15 मीटर होती है।
खेती के लाभ
काजू के सेल और छिलके से अच्छी कमाई होती है।
पेड़ तैयार होने का समय
काजू का पौधा लगभग 3 साल में तैयार होता है।
भारत में खेती के क्षेत्र
केरल, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल।
खेती की मिट्टी
दोमट और लाल मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
उपयुक्त तापमान
20 से 35 डिग्री सेल्सियस।
खेती के लिए सलाह
जैविक खाद का उपयोग करके पैदावार बढ़ा सकते हैं और अलग-अलग किस्म के काजू उगाए जा सकते हैं।
कमाई का समय
काजू की खेती से लगभग 3 साल में कमाई शुरू हो जाती है।
काजू का मूल्य
भारतीय बाजार में काजू का मूल्य ₹1200 प्रति किलो।
उत्पादकता
प्रोडक्टिविटी बढ़ाने पर कमाई के चांसेस बढ़ जाते हैं।
ट्रेनिंग
किसानों के साथ ट्रेनिंग ले सकते हैं या ऑनलाइन गवर्नमेंट सर्टिफाइड कोर्स कर सकते हैं।
सरकारी सहायता
फाइनेंशली सपोर्ट के लिए सरकार की मदद ली जा सकती है।
मेरा नाम विशाल ओझा है. मैने Mathematics से B.sc किया हुआ है। मुझे विज्ञान की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा में बिजनेस, मौसम या टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखता हूं। इंशॉर्टखबर पर इसी फील्ड में योगदान दे रहा हूं।