Success Story: गिरीश मात्रभूतम ‌ने कैसे खड़ी कर दी 95000 करोड़ की कंपनी, जाने पूरी कहानी !

Success Story: गिरीश मात्रभूतम ‌ने कैसे खड़ी कर दी 95000 करोड़ की कंपनी, जाने पूरी कहानी ! Girish Mathrubotham Success Story
Success Story: गिरीश मात्रभूतम ‌ने कैसे खड़ी कर दी 95000 करोड़ की कंपनी, जाने पूरी कहानी ! Girish Mathrubotham Success Story
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Girish Mathrubotham Success Story: इसलिए के माध्यम से हम आपको गिरीश मात्रभूतम नाम के शख्स की सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने संघर्ष के दम पर आज के समय में एक काफी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी कर दी है ।‌जिसकी वैल्यूएशन करीब 95000 करोड रुपए है। कहते हैं की नौकरी करने के लिए तो हर कोई तैयार हो जाता लेकिन बिजनेस करने के लिए काफी हिम्मत चाहिए होती है।

क्योंकि बिजनेस में रिस्क होने के साथ-साथ कई बार नुकसान का सामना भी करना पड़ता है जिसकी वजह से कई लोग इतने ज्यादा टूट जाते हैं कि वह अपने बिजनेस को बीच में ही छोड़ देते हैं और दूसरी लाइन पकड़ लेते हैं लेकिन ऐसे ही एक शख्सियत के बारे में आपको बताने वाले हैं जिन्होंने एमबीए करने के लिए उधार पैसे लिए थे और आज के समय में यह इतनी बड़ी कंपनी के मालिक है. जो केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने प्रोडक्ट सप्लाई कर रही है। ‌

Girish Mathrubotham Success Story

गिरीश मातृभूतम की सफलता की कहानी की बात करें तो यह उन लोगों के लिए प्रेरणादायक स्टोरी हो सकती है जो अपने लाइफ में कुछ नया करना चाहते हैं कुछ यूनिक करने के साथ-साथ बिजनेस वर्ल्ड में अपना कदम रखना चाहते हैं या फिर पहले से ही कदम रखे हुए हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही है इसकी वजह थक हर कर बैठ चुके हैं. दरअसल गिरीश मातृभूमि की कहानी की शुरुआत जब होती है जो एक मध्यम वर्ग की परिवार से आने के साथ-साथ उनके पिता एक साधारण सरकारी कर्मचारी थे. इन्होंने अपने बेटे को कर्नाटक की ही एक लोकल स्कूल में पढ़ाया था.

गिरीश एक औसत स्टूडेंट रहे हैं और अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने चेन्नई इंजीनियरिंग से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है इसके बाद उन्होंने बी करने का मूड बनाया था साल 1992 की बात है जब उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसी वक्त अपने पापा से पैसे मांगे थे कि आगे पढ़ाई करने के लिए पैसे चाहिए। ‌ कहानी में यहीं से टर्निंग पॉइंट आता है कि उनके पिताजी ने अपने बेटे की आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए किसी रिश्तेदार से पैसे उधार लिए थे। ‌ यही बात अंकित दिमाग में घर कर गई और पैसे के महत्व को समझ आया।

एक के बाद एक शुरू किया कई स्टार्टअप

पढ़ाई पूरी करने के बाद गिरीश ने कई सारे स्टार्टअप शुरू किए हैं. नवभारत टाइम की रिपोर्ट्स के मुताबिक के सभी स्टार्टअप फेल हो चुके थे लेकिन फिर भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी. और अपने स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए अन्य दूसरे स्टार्ट सबसे अनुभव लेने के लिए अमेरिका में HCL जैसे कोई सारे कंपनियों में काम किया है. इसके बाद इन्होंने अपने दोस्त और कुछ लोगों के साथ मिलकर अपना पहला सक्सेसफुल स्टार्टअप फ्रेशवर्क्स साल 2010 में शुरू किया। यह स्टार्टअप काफी सफल रहा.

जिसमें ACCEL के द्वारा $10 लाख का इन्वेस्टमेंट किया गया. इसके बाद कंपनी में कस्टमर की लाइन लगाना भी शुरू हो चुकी थी। इनका बिजनेस आप इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि इन्होंने अपनी व्यवसाय में सेल्स और CRM को भी शामिल कर लिया। ‌ इसके बाद कंपनी को डिफरेंट करके फ्रेशडेस्क के नाम से शुरू कर दिया गया। ‌ बता देगी साल 2021 में कंपनी का वार्षिक रिवेन्यू 49 फ़ीसदी से बढ़कर 30 करोड डालर तक पहुंच चुका था। ‌ जो कि वर्तमान में 95000 करोड रुपए की कंपनी की वैल्यूएशन बन चुकी है। ‌

क्या करता है फ्रेशवर्क्स ?

बता दें कि है एक सेल्स से संबंधित कंपनी है जो अपमार्केट और उसके प्रोडक्ट पर आधारित है. इन्होंने बताया कि बिजनेस के लिए सॉफ्टवेयर आते हैं वह काफी इन्वेस्टमेंट वाले होते हैं अर्थात साधारण लोगों की भाषा में कहे तो महंगे होते हैं. जिसकी वजह से इन्होंने ‘रेडी टू गो’ सॉफ्टवेयर बनाने का फैसला लिया और आज के समय में कई सारे कस्टमर इसे अपना सॉफ्टवेयर डेवलप करवाते हैं। भारत से लेकर विदेश में भी उनके क्लाइंट कई सारे हैं जिसमें पहले से नीदरलैंड और फ्रांस जैसे देश भी शामिल है। ‌ यह अपने ग्राहकों को कस्टमर सर्विस भी दे देते हैं। ‌