
Unique Agri Business Idea: भारत में खेती परंपरागत रूप से करते आ रहे हैं. अतःभारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन हर जगह भौतिक दृश्य एक तमन्ना होने की वजह से उसकी मौसम के हिसाब से खेती की ज्यादा सही रहता है इसी वजह से कई कर किसान अपनी या फिर बरसात और मौसम के आधार पर खेती अलग-अलग प्रकार की कर रहे हैं ऐसे में हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में बताने वाले हैं जहां पर जानवरों की कोई टेंशन नहीं पानी की भी कोई दिक्कत नहीं और बहुत ही कम जगह में स्थिति को करके दोगुना मुनाफा कमाया जा सकता है।
Unique Agri Business Idea
बिना किसी बात को घुमाए – फिराए सीधी-सीधे आपको बता दें कि इस खबर के अंतर्गत हम आपको कुसुम की खेती के बारे में बताने वाले जैसे आमतौर पर लोग कुसुंभ के नाम से भी जानते हैं. इस खेती को करके कुछ किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं इसके बारे में एक इंटरव्यू हिंदी न्यूज़ 18 के अंतर्गत लोकल 18 पर लिया गया था जहां पर पलामू के पड़वा ग्राम के निवासी ओंकारनाथ इस खेती को करके काफी अच्छा कमा रहे हैं।
कुसुम की खेती क्या है?
कुसुम एक प्रकार का उच्च कटिबंधीय पौधा है जो कि करीब 30 से लेकर 150 सेंटीमीटर तक लंबा होता है इसकी खेती को करने के लिए आप लोगों को पानी की बहुत ज्यादा आवश्यकता भी नहीं होती और जानवरों से भी इस फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है क्योंकि यह एक कांटे वाली फसल होती है। इसको खाने के लिए आगे नहीं आते हैं। यह तिलहनी फसलों के अंतर्गत आता है जिसमें 24 से 36%तक तेल उपस्थित होता है. इस तेल का उपयोग कई सारे कामों में किया जाता है मुख्यतः पशुओं और औषधि कामों में किया जाता है. कुछ जगह पर कुसुम के तेल का उपयोग खाने में भी किया जाता है.
कैसे शुरू करें कुसुम की फसल की खेती ?
पड़वा ग्राम के निवासी ओंकार नाथ बताते हैं कि इसकी रितु को वह करीब दो एकड़ जमीन में कर रहे हैं और इसमें करीब 10 से ₹12000 का इन्वेस्टमेंट के साथ दो एकड़ में खेती की जा सकती है. इन्होंने यह काम अपने गांव की एक निवासी भोला प्रजापति के द्वारा बीज उपलब्ध कराने पर इसकी शुरुआत की थी. जो की काफी ज्यादा शानदार रही है. यह जलवायु पर आधारित फसल होने वाली है. जो कम वर्षा वाले इलाकों में की जा सकती है. किसान बताते हैं कि इसमें एक बार पानी की आवश्यकता होती है। इसकी खेती शुरू करने के लिए आप जो व्यक्ति पहले से इसकी खेती कर रहे हैं उनके पास जाकर ट्रेनिंग ले सकते हैं और उसके लिए बीज उपलब्ध करा सकते हैं. इसके अलावा संक्षेप में आपको नीचे जानकारी दी गई है उसे भी फॉलो कर सकते हैं-
- सबसे पहले बी खरीदें.
- अपनी मिट्टी की जांच कराएं
- जैविक उर्वरक का उपयोग करें..
- फसलों की बुवाई के समय अक्टूबर नवंबर माना गया है.
- कारी 20 से 25 दिन तक इसकी निंदाई की जाती है.
- चार से पांच महीना में पैक कर यह फसल तैयार हो जाती है।
- कुसुम के खेती करते वक्त आपको काफी सारी ध्यान रखना होता है.
- मुख्यतः कटाई के वक्त आप लोगों को हाथों में दस्ताने पहनकर इसकी कटाई करना होगा.
- इसका उत्पादन लगभग 130 दिनों में शुरू हो जाता है वह फूल जब खत्म हो जाते हैं तो करीब चार सप्ताह में यह फसल पक जाती है.
- सबसे पुरानी तिलहनी फसलों में इसका नाम आता है।
कुसुम की खेती से कितना होगा मुनाफा ?
किसान बताते हैं कि 10 से ₹12000 के इन्वेस्टमेंट थे एक एकड़ में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है अगर 2 एकड़ में आप करते हैं तो 20 से 25000 का इन्वेस्टमेंट आता है इसी के साथ अक्टूबर नवंबर महीने में इसकी खेती की जा सकती है और करीब 103 दिन में पककर यह फसल तैयार हो जाती है. इस फसल का तेल बनकर काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
इसका तेल वैज्ञानिक बताते हैं कि हृदय रोगियों के लिए रामबाण साबित होने वाला है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर देता है. जिसकी वजह से भारत में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है इसके अलावा दूसरी कई सारी बीमारी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. बाजारों में ऐसे तेल बाजार में करीब 300 से 350 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जासकता है।

मेरा नाम विशाल ओझा है. मैने Mathematics से B.sc किया हुआ है। मुझे विज्ञान की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा में बिजनेस, मौसम या टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखता हूं। इंशॉर्टखबर पर इसी फील्ड में योगदान दे रहा हूं।