Polygon Matic Success Story: स्कूल कॉलेज उधार लेकर पैसों से किया कंप्लीट, एक आईडिया ने बदल दी जिंदगी !

Polygon Matic Success Story: स्कूल कॉलेज उधार लेकर पैसों से किया कंप्लीट, एक आईडिया ने बदल दी जिंदगी !
Polygon Matic Success Story: स्कूल कॉलेज उधार लेकर पैसों से किया कंप्लीट, एक आईडिया ने बदल दी जिंदगी !
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Polygon Matic Success Story: अगर आपको बिजनेस सक्सेस स्टोरी या फिर सफलता की कहानी पढ़ने में रुचि रखते हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी ही ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी से संबंधित भारत के एक गुजरात के रहने वाले युवक की सफलता की कहानी लेकर आए हैं, जिसकी कहानी भारत के लोगों को प्रेरणा करने के लिए तो है ही इसके अलावा जो लोग बहाने बनाते हैं उनके मुंह पर तमाशा है। तो आईए जानते हैं की क्या है पॉलीगन की सफलता की कहानी ?

Polygon Matic Success Story

पॉलीगन‌ और मेटिक (Polygon and Matic) दो अलग-अलग नहीं है बल्कि एक ही कंपनी के नाम है। शुरुआत में पॉलीगन नाम से जिस कंपनी को शुरू किया था बाद में उसे रीब्रांड करके मैटिक (Matic) नाम दिया गया। इसको तीन दोस्तों ने मिलकर शुरू किया। जिसमें यह आइडिया अहमदाबाद गुजरात के रहने वाले एक शख्स जिसका नाम जयंती कनानी का है। आइडिया आने के बाद इस शख्स ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस पर काम करना शुरू किया और आज के समय में यह कंपनी इंटरनेशनल स्तर पर तरक्की कर रही है।‌ इसी के साथ विदेशी शार्क टैंक से भी इसे फंडिंग मिल चुकी है।

उधार लेकर स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी

जयंती कनानी अभी के समय में जो नाम नहीं बल्कि करोड़ मिलियन डॉलर का एक मालिक है. इसकी कहानी की शुरुआत भी अलग है जो लोगों को प्रेरित कर रही है। ‌ इसमें पैसे उधार लेकर अपने स्कूल की पढ़ाई कक्षा 12वीं तक पूरी करने के बाद कॉलेज में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई को पूरी किया। अब इनकी कहानी में एक नया मोड़ आ जाता है क्योंकि पिताजी इनके डायमंड फैक्ट्री में छोटी सी नौकरी करते थे |

जिनकी सैलरी से घर का खर्चा भी मुश्किल से चल पा रहा था। अपने स्कूल कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके पिताजी की तबीयत अचानक खराब होने लगी।‌ उन्हें देखना कम हो गया जिसकी वजह से नौकरी छोड़ना पड़ा। यही जयंती कनानी के लिए टर्निंग पॉइंट रहा, जब इन्होंने ₹6000 की सैलरी में एक कंपनी में जॉब की। क्योंकि घर खर्च के अलावा अपने बहन की शादी और पिता के इलाज का टेंशन भी काफी था। ‌

डाटा साइंटिस्ट के रूप में किया कम

Polygon Matic Success Story ; इसके बाद इन्होंने housing.com कंपनी में भी डाटा साइंटिस्ट के तौर पर काम किया है। इसके बाद इन्होंने ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी के बारे में सुना। इस टेक्नोलॉजी की शुरुआत कुछ इस समय पहले हुई थी जिसके बाद जयंती ने भी इसके बारे में जानने की इच्छा जताई और अपने ट्रांजैक्शन ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी की सहायता से करने लगे। लेकिन यहां पर कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा|

Polygon Matic Success Story: स्कूल कॉलेज उधार लेकर पैसों से किया कंप्लीट, एक आईडिया ने बदल दी जिंदगी !
IMG:  Google

इसके बाद इन्हें एक प्रॉब्लम दिखाई दी। जैसे ही इन्हें प्रॉब्लम को पता चली तो इन्होंने अपने दोस्तों को इसके बारे में बताया. इन तीनों लोगों के नाम जयंती कन्नी के अलावा अनुराग अर्जुन और संदीप है। तीनों ने मिलकर एक कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम पॉलीगन रखा गया। बाद में ऐसे मैटिक नाम से री ब्रांड किया गया।

इस प्रॉब्लम को किया सॉल्व

दरअसल गुजरात के अहमदाबाद में जन्मे जयंती कनानी और उसके दोस्तों ने मिलकर ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी की एक ऐसी प्रॉब्लम को सॉल्व किया जो दूसरा कोई प्लेटफार्म नहीं कर रहा था। सभी जयंती ब्लॉकचेन में ट्रांजैक्शन करते थे तो उन्हें सिक्योरिटी के साथ-साथ फास्ट डिलीवरी और स्टेबिलिटी में भी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा था। इसी आइडिया को उसने अपने दोस्तों के साथ शेयर किया और साल 2017 में इस कंपनी को शुरू किया।

इसके बाद फंडिंग की भी इन्हें ज्यादा परेशानी के सामने नहीं करना पड़ा. क्योंकि इनका आइडिया यूनिक होने के साथ-साथ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित था और जिसकी वजह से अमेरिका के शर्क टैंक जज मार्ग क्यूबन ने भी इसमें अपना इन्वेस्टमेंट किया। इसके बाद इनका यह स्टार्टअप रॉकेट के जैसे आसमान की तरफ बढ़ने लगा देखते ही देखते 450 मिलियन डॉलर की फंडिंग इनको मिल चुकी थी और फिर क्रिप्टोकरंसी के मार्केट में इंटरनेशनल लेवल पर इनका यह स्टार्टअप BOOM कर गया। आज के समय में उनकी कंपनी की वैल्यूएशन 55 हजार करोड रुपए की है।


मेरा नाम विशाल ओझा है. मैने Mathematics से B.sc किया हुआ है। मुझे विज्ञान की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा में बिजनेस, मौसम या टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखता हूं। इंशॉर्टखबर पर इसी फील्ड में योगदान दे रहा हूं।