भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए ‌? | Bhagwan ki Murti Kis Dhatu ki Honi Chahiye?

भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए ‌? | Bhagwan ki Murti Kis Dhatu ki Honi Chahiye?
भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए ‌?
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भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए? – सनातन धर्म में मूर्ति पूजा का विशेष महत्व होता है. अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए पर अलग-अलग लोग अलग-अलग अपना मत देते हैं लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि वास्तव में आप लोगों को किस धातु की भगवान की मूर्ति की पूजा करना सही होता है! हमारे शास्त्रों में इसको लेकर क्या कहा जाता है इससे संबंधित जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है।

क्योंकि वास्तु शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि अगर हम सही धातु की बनी भगवान की मूर्ति की पूजा करते हैं, तू ही हमें पूजा का विशेष महत्व प्राप्त होता है. इस संबंध में न्यूज़ 18 की टीम जब भोपाल के हितेंद्र कुमार शर्मा से बात करती है तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी दी है। ‌ उन्होंने बताया कि हमें कुछ विशेष धातुओं की बनी मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए। कुछ ऐसी धातु होती है जिनकी बनी हुई मूर्तियों की पूजा हमें बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए वरना हमारे घर में नकारात्मक प्रभाव पैदा होता है।

भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए ?

Bhagwan ki Murti Kis Dhatu ki Honi Chahiye?- इस संबंध में हितेंद्र कुमार शर्मा पंडित जी बताते हैं कि हमें सोने, चांदी, तमा पीतल और मिट्टी से बनी हुई मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए. यह सभी धातु भगवान की मूर्ति बनाने के लिए काफी शुभ मानी जाती है इससे हमारे घर में सकारात्मक प्रभाव तो पैदा होता ही इसके अलावा प्रत्येक धातु को लेकर हमारे सनातन धर्म में विशेष और अलग महत्व बताया गया है।‌ अगर हमें सिर्फ फॉलो करते हैं तो हमारे घर में सुख शांति का वातावरण रहता है।‌ जानते हैं विस्तार से इसके बारे में और जानकारी। ‌

1.‌ सोने – चांदी की मूर्तियां –

जैसा कि हमने आपको बताया सोने चांदी की धातु सनातन धर्म में पवित्र धातुओं में गिनी जाती है। कई बार अपने साउथ इंडियन मूवी में देखा होगा कि कई लोग भगवान जी को सोने या चांदी की धातु का बना हुआ मुकुट भी भेंट स्वरूप चढ़ाते हैं ‌‌। इसे हमारे घर में सकारात्मक प्रभाव पैदा होता है और ऐसा माना जाता है कि अगर हम इन दोनों धातुओं की बनी हुई मूर्ति पूजा करते हैं तो इससे हमारे मन में एकाग्रता भी आती है और नकारात्मक प्रभाव भी दूर हो जाता है।

2. तांबे पीतल की बनी मूर्तियां –

अगर आप सोने और चांदी की धातु की मूर्तियां नहीं खरीद पा रहे तो दूसरा ऑप्शन आता है कि आप लोग टेम या फिर पीतल की बनी हुई मूर्तियां खरीद कर इनकी पूजा कर सकते हैं यह भी सकारात्मक प्रभाव पैदा करती है। हमारे घर के वाता पर हमें शुद्धता पैदा होती है अगर तांबा या फिर पीतल की बनी हुई मूर्ति का इस्तेमाल करते हैं तो। इसी के अलावा दोनों ही धातु का औषधीय गुण के लिए भी काफी लाभदायक होती है।

जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि तांबे की धातु के बने हुए लोटे में अगर हम रात को जल रखकर सोते हैं और सुबह उठकर उसे पीते हैं तो हमारे शरीर की कई सारी बीमारियां इसे नष्ट हो जाती है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। या फिर कोई और आपने सुना होगा कि हमारे पौराणिक काल में ऋषि मुनि तालाबों में चांदी के सिक्के डालकर भगवान से मन्नत मांगने के लिए कहते थे इसके पीछे भी यही साइंस होता है।

3. मिट्टी की बनी मूर्तियों –

तीसरा ऑप्शन आता है कि अगर आप किसी प्रकार की धातु की बनी हुई मूर्तियों को नहीं खरीद पा रहे हैं. तो ऐसी स्थिति में मिट्टी से बनी हुई मूर्तियां भी काफी लाभदायक होती है. यह भी आप लोगों को मूर्ति पूजा का फल प्रदान करती हैं। मिट्टी भी शांत स्वभाव की होती है इसीलिए शांति का प्रतीक मानी जाती है और इससे भी घर में शुद्धता और शीतलता आती है। कई बार अपने पौराणिक कालों में यह टीवी सीरियल में भी देखा होगा कि जब भी कोई ऋषि मुनि या फिर व्यक्ति जंगल में जाता है तो ऐसी स्थिति में वहां पर भगवान की मूर्ति नहीं होती है।

लेकिन वह तपस्या करने के लिए भगवान की मिट्टी की मूर्तियां बनाता है और उसकी पूजा करता है। इससे उसकी मन में शीतल था आती है मन कह दे तो होता है और एकाग्रता में भी वृद्धि हो जाती है यही वजह है कि आप लोग मिट्टी की बनी हुई मूर्ति का इस्तेमाल भी भगवान की पूजा करने में कर सकते हैं। इन सबके अलावा कुछ ऐसी भी धातु है, जिन का प्रयोग हमें भगवान की मूर्तियां बनाने और उनकी पूजा करने के लिए बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

भगवान की मूर्ति किस धातु की नहीं बनी होनी चाहिए ?

अगर आप पक्के सुनता नहीं है तो आप लोग भगवान की पूजा तो करते ही होंगे. भगवान की पूजा करने के लिए हमें मूर्तियों की भी आवश्यकता पड़ती है लेकिन कुछ ऐसी धातु होती हैं जिनका प्रयोग हमें भगवान की मूर्ति बनाने में बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और ना ही ऐसी मूर्तियां की पूजा भी करनी चाहिए।

पंडित जी बताते हैं कि घर में या फिर मंदिर में रखी हुई स्टेनलेस स्टील, या फिर अल्युमिनियम की बनी हुई मूर्तियों की पूजा में बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए इसके अलावा लोहे की मूर्ति भी नहीं बननी चाहिए। लेकिन एकमात्र ऐसे शनि देवता है जिनको लोहे से बनी हुई कोई भी वस्तु प्रिय होती है। अतः शनिदेव के लिए चढ़ावे में कई बार हम लोहे की बनी हुई कि या फिर अन्य वस्तु का उपयोग जरूर करते हैं। लेकिन लोहे से बनी हुई मूर्तियों की पूजा बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।