Ganesh Pooja Kyon Ki Jati Hai: शुभ कार्य में गणेश जी को सबसे पहले क्यों पूजा जाता है?

Ganesh Pooja Kyon Ki Jati Hai
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Ganesh Pooja Kyon Ki Jati Hai: आप लोगों ने आंसर देखा होगा जब भी हम कोई शुरू कार्य करने के लिए चाहते हैं सनातन धर्म में तो उसके पहले भगवान भोलेनाथ के बेटे गणेश जी की पूजा अवश्य करते हैं इसके पीछे का क्या कारण हैं? क्यों गणेश जी के पूजा सबसे पहले की जाती है तो इस आर्टिकल में आपको इसी के संबंध में जानकारी देने वाले हैं. ऐसा माना जाता की पौराणिक समय में हिंदू धर्म में सबसे पहले गणेश जी को पूजने के पीछे एक कथा प्रचलित है.

Ganesh Pooja Kyon Ki Jati Hai

वैसे तो गणेश जी की पूजा हर शुभ कार्य करने से पहले की करने से पहले की जाती है. लेकिन बुधवार को गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है. बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से कई सारे लाभ प्राप्त होते हैं इसके अलावा अत्यधिक महत्व भी माना जाता है. आपको बता देना चाहते हैं की मांगलिक कार्यों को जब भी किया जाता तो उससे पहले गणेश भगवान की पूजा भी की जाती है. उदाहरण के लिए शादी से पहले हम कई बार गणेश जी के पूजा किसी भी शुभ कार्य में करते हैं. इसके पीछे की एक कथा प्रचलित है. आईए जानते हैं क्या है?

गणेश जी की पूजा सर्वप्रथम क्यों की जाती है? जानिए क्या प्रचलित कथा?

आप लोगों ने एक कथा तो अवश्य सुन रखी होगी कि एक बार जब भगवान गणेश और कार्तिकेय दोनों ही माता पार्वती को भोलेनाथ जी के पुत्र है. जब इन दोनों के बीच कंपटीशन हुआ था कि दोनों में कौन श्रेष्ठ है? तो इसको लेकर भगवान भोलेनाथ ने अपने दोनों पुत्रों को एक छोटा सा टास्क दिया. उनसे कहा गया कि जो भी सबसे पहले इस पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगाकर आएगा.

उसी को सबसे श्रेष्ठ माना जाएगा. जैसा कि आपको पता है कि कार्तिक का वाहन मोर है और भगवान गणेश जी का वाहन मूषक (चूहा) है जो बहुत ही धीरे चलता है. अब कार्तिकेय यह सोचते हैं कि क्योंकि उनकी मोर तेजी से उड़ कर ब्रह्मांड के चक्कर गणेश भगवान की तुलना में जल्दी लगा सकती है तो ऐसी स्थिति में वह अपनी मोर को लेकर ब्रह्मांड की छत पर लगाने के लिए उड़ जाते हैं.

लेकिन बाद में कार्तिकेय के बाहर चला जाने के बाद भगवान गणेश जी अपने दिमाग लगाते हैं और उनके मन में विचार आता है कि समस्त ब्रह्मांड तो मेरे माता-पिता भगवान शंकर जी और माता पार्वती में ही समाया हुआ है. इसी वजह से वह अपने माता-पिता के चक्कर लगा देते हैं जिसकी वजह से ब्रह्मांड के चक्कर लग जाते हैं.

जो कि कुछ ही देर में यह संभव हो जाता है. जब कार्तिकेय जी लौट कर आते हैं तो उन्हें इन सब के बारे में पता चल जाता है। ‌ भगवान गणेश की बुद्धिमत्ता को देखते हुए शंकर भगवान उनको यह वरदान देते हैं किसी भी शुभ कार्य करने से पहले उनकी पूजा अवश्य की जाएगी। तभी से यह चल रहा है.

भगवान गणेश की पूजा का महत्व

इसके बाद ऐसे ही शास्त्रों के अनुसार बुधवार को भगवान गणेश जी का दिन माना जाता है। इसी वजह से बुधवार को गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है अगर आप इस दिन गणेश जी की पूजा करते हैं तो आप लोगों को काफी सारे फल प्राप्त हो सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुधवार को गणेश पूजा करने से आप लोगों को शिक्षा में आने वाली रुकावट भी दूर हो जाती है. इसके अलावा धन से संबंधित आर्थिक समस्या में भी राहत मिल सकती है इसी के साथ मान सम्मान में वृद्धि और आपके सभी प्रकार के दुखों का नाश हो जाता है.

भगवान गणेश जी की पूजा कैसे करें?

अगर आपने मूड बना लिया कि भगवान गणेश जी की पूजा भगवान के अवसर पर आपको करना है. तो बता दे कि इसके लिए सबसे पहले बुधवार के दिन आपको सुबह जल्दी उठने के पश्चात भगवान गणेश जी का ध्यान करके एक बातका संकल्प लें।‌ इसके बाद नजदीकी किसी गणेश मंदिर में जा सकते हैं या फिर घर के मंदिर में गणेश जी की पूजा का संकल्प करने के साथ ही व्रत धारण करना है.

ध्यान रहे की पूजा करते समय आप लोगों को अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ रखना चाहिए. इसके बाद गणेश जी की पूजा में उनकी पसंदीदा सभी वस्तू में रखने के साथ-साथ पुष्प धूप दीप कपूर रोली लाल चंदन मोदक इत्यादि उनको चढ़ाएं. गणेश जी को सुख सिंदूर का तिलक लगाकर उनकी चालीसा का पाठ करें और अंत मेंआरती करें. कुछ धार्मिक ग्रंथो में ऐसा भी बताया गया है कि भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा घास शामिल करें। ‌ यह उनको अत्यंत प्रसन्नता देती है.


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