हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई, एक छलांग में कर दी लंका पार ! hanuman ji ko shakti yad dilai Chaupai

हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई, एक छलांग में कर दी लंका पार ! hanuman ji ko shakti yad dilai Chaupai
हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई, एक छलांग में कर दी लंका पार ! hanuman ji ko shakti yad dilai Chaupai
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हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई : कहा जाता है कि हनुमान जी में इतनी शक्ति थी कि वह रावण की पूरी लंका को अकेले ही स्वयं ध्वस्त कर सकते थे. लेकिन बचपन में उन्हें एक ऋषि के द्वारा श्राप दिया गया था कि तुम अपनी सारी शक्तियां भूल जाओगे. ऋषि ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि बाल अवस्था के समय हनुमान जी ने अपनी नटखटता के चलते ऋषि की तपस्या भंग कर दी थी । जिसके बाद उन्होंने गुस्से में आकर उनको श्राप दिया था कि तुम अपनी सारी शक्तियां भूल जाओगे। इसके बाद हनुमान जी कुछ ही देर में अपनी सारी शक्तियां भूल गए थे.

हनुमान जी पवन पुत्र जैसे कई सारे नाम से जाना जाता है. बता दे कि उन्होंने सूर्य देव को अपने गुरु के रूप में स्वीकार किया था. इसीलिए हर देवी देवता का उन्हें एक विशेष वरदान प्राप्त है. हनुमान जी को ना तो आग जला सकती थी और ना ही वायु रोक सकती थी. वह हवा से भी तेज उड़ने की क्षमता रखते थे, इसी के साथ-साथ शनिदेव के साथ भी उनका विशेष नाता है. अब आईए जानते हैं कि आखिर सीता माता की खोज के समय जामवंत जी ने इस चौपाई का इस्तेमाल करके हनुमान जी को अपनी शक्तियां याद दिलाई थी?

हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई

रामायण के अनुसार बताया जाता है कि हनुमान जी जब अपनी सारी शक्ति भूल चुके थे. तो बचपन से लेकर उसके बाद उन्होंने जंगल में अंगद राजा के साथ विशेष संबंध के साथ जीवन व्यतीत कर रहे थे. इस दौरान वह जंगल में अकेले ध्यान लगाकर अपने ईस्ट का ध्यान करते रहते थे. इसी बीच जब प्रभु श्री राम को जब 14 वर्ष का वनवास हुआ था तो रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था. इसके बाद प्रभु श्री राम जहां पर अंगद राजा निवास कर रहे थे.

हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई, एक छलांग में कर दी लंका पार ! hanuman ji ko shakti yad dilai Chaupai
IMG: Google

इस पर्वत पर जाकर राजा सुग्रीव की तलाश कर रहे थे तो इसी बीच हनुमान जी ने उनसे मुलाकात भेष बदलकर एक पुजारी के रूप में की थी लेकिन भगवान श्री राम ने हनुमान जी को पहचान लिया था. इसकी बात राजा सुग्रीव से श्री राम ने मुलाकात करने के बाद हनुमान जी को श्री राम की विशेष सेवा के लिए नियुक्त किया था । इसी बीच दोनों के बीच इतना स्नेह बढ़ गया कि हनुमान जी ने स्वयं का पूरा जीवन प्रभु श्री राम के लिए ही समर्पित कर दिया।

इस चौपाई का जामवंत हनुमान जी को अपनी शक्तियां दिलाने के लिए किया उच्चारण

लेकिन जब अंगद की बार-बार सेवा के साथ मिलकर प्रभु श्री राम दक्षिण दिशा में समुद्र के तट पर गए थे. उसे दौरान संकट मोचन हनुमान जी अपनी लगभग सभी शक्तियां भूल चुके थे. लेकिन रामायण बताया गया है कि जामवंत जी ने हनुमान जी को अपनी शक्तियां याद दिलाने के लिए एक विशेष चौपाई का उच्चारण किया था. यह चौपाई नीचे बताई गई है।

“कहहि रीछपति सुनु हनुमाना,का चुप साधि रहे बलवाना ,
पवन तनय बल पवन समाना ,बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना ,
कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होत तात तुम्ह पाहीं”

क्या है चौपाई का अर्थ ‌?

रामायण में हनुमान जी को शक्तियां चलाने के लिए की गई चौपाई का विशेष अर्थ है. इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमान जी से कहा था कि – तुम इस समय चुप क्यों हो? तुम पवन से भी तेज दौड़ सकते हो. तुम में इतना बोल है कि तुम्हारा मुकाबला कोई नहीं कर सकता है. बुद्धि विवेक और ज्ञान का भंडार तुम्हारे पास है। ‌ इस संसार में ऐसा कोई काम नहीं है जिसे तुम नहीं कर सकते. तुम्हारा जन्म ही प्रभु श्री राम के लिए ही हुआ है. इस चौपाई को सुनने के बाद हनुमान जी में इतनी अधिक शक्ति आ चुकी थी कि वह बहुत बड़े आकार में हो चुके थे और एक ही छलांग में समुद्र को पार करके लंका पहुंच गए थे। हालांकि बीच में इन्हें कुछ कई सारे राक्षसों को धूल चटाई थी।

हनुमान जी को शक्ति याद दिलाए चौपाई, एक छलांग में कर दी लंका पार ! hanuman ji ko shakti yad dilai Chaupai
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जामवंत और अंगद क्यों नहीं गए श्रीलंका?

रामायण में डिग्गी चौपाई के अनुसार जामवंत कहते हैं कि मैं अब बूढ़ा हो चुका हूं. मेरे शरीर में अब पहले जैसी ताकत नहीं रही मैं पहले वामन अवतार के समय जवान हुआ करता था लेकिन आप मेरे शरीर में इतनी ताकत नहीं बची है कि मैं समुद्र को पार करके लंका चले जाऊं. इसके बाद अंगद को जब जामवंत प्रेषित कर रहे थे तो उसे वक्त उन्होंने कहा था कि ‘मैं लंका पहुंच तो सकता हूं लेकिन, वहां से वापस लौट कर आ पाऊंगा या नहीं ! इस पर मुझे संदेह है। ‌इसके बाद जामवंत जी ने हनुमान जी के उनको शक्तियां याद दिलाई और उन्हें प्रेरित किया था। ‌