
अगर आप भी जाना चाहते हैं कि जूते चप्पल पहनकर भोजन करना चाहिए या नहीं? यह सही है या गलत ! तो ऐसी स्थिति में आप लोग एकदम सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि धार्मिक मान्यताओं और विज्ञान के हिसाब से हम आपके यहां पर जानकारी देने वाले हैं कि आखिर सही क्या है? आजकल पाश्चात्य सभ्यता के आज आने के बाद भारत में सभी लोग उसको अपने लगे हैं और वह अपनी संस्कृति को भूलने लगे हैं। जबकि उन्हें यह ज्ञात ही नहीं है कि उनका धर्म एक वैज्ञानिक धर्म है।
सनातन धर्म में जूते चप्पल पहनकर भोजन करना चाहिए या नहीं ?
इसमें से एक बात यह भी है कि जब भी हम अपने घरों में खाना बनाते समय कई बार जूते चप्पल पहनकर खाने बनाते हैं और कई बड़े घरों में खाना खाने के समय भी जूते चप्पल पहनकर इसे खाया जाता है. तो बता दे की यह बहुत ही गलत होता है. ऐसा माना जाता है कि हम अपने धर्म का ही नहीं बल्कि उसे देवी देवता का भी अपमान कर रहे हैं जिसने हमें खाने के लिए आज के दिन खाना दिया है अर्थात हम अन्न देव का अपमान कर रहे हैं।
हमारे धर्म में अग्नि को भी एक देवता का प्रतीक माना गया है। इसलिए उसकी पूजा भी की जाती है और धार्मिक कारों में भी इसका बहुत ही अधिक महत्व होता है। पवित्र कार्यों में हमें बिल्कुल भी जूते चप्पल पहनकर उपस्थित नहीं होना चाहिए। इसमें तो एक खाना खाने भी पवित्र कार्य माना जाता है। इसीलिए हमें जूते चप्पल पहनकर बिल्कुल भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि भोजन हमें अन्नपूर्णा देवी के द्वारा दिया जाता है। जो स्वयं ही माता पार्वती है।
जूते चप्पल पहनकर भोजन नहीं करना चाहिए इसका अन्य कारण
दूसरी और अगर हम देखें तो सनातन धर्म में अग्नि का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है वैदिक काल से ही अग्नि की पूजा एक देवता के रूप में करते आ रहे हैं. जिसे हम अग्नि देव कहते हैं इसके अलावा भगवान भोलेनाथ की पत्नी अन्नपूर्णा जैसे हम आदिशक्ति कहते हैं उनके बिना महादेव भी अधूरे हैं. अगर आप आदिशक्ति यानी कि अन्न का अपमान करते हैं, तो इसका प्रकोप आपको झेलना पड़ सकता है।
अगर अन्य कारण की बात करें तो जूते चप्पल अगर हम रसोई में पहनकर प्रवेश करते हैं या फिर इनको पहनकर खाना खाते हैं तो यह बहुत ही गलत और पाप का भागीदार हमें बना देता है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि जूते चप्पल हम कहीं पर भी पहन कर चले जाते हैं चाहे मल मूत्र वाली जगह पर भी जूते चप्पल को पहन कर निकल जाते हैं। इसीलिए अब बहुत सारी गंदगी होती है। यह गंदी बैक्टीरिया पैदा करती है और जो बैक्टीरिया हमारे बिल्कुल स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होते हैं। यही है वैज्ञानिक कारण की आपको जूते चप्पल पहन कर ना तो भोजन करना चाहिए और नहीं रसोई घर में प्रवेश करना चाहिए।
भोजन करने से पहले मंत्र का जाप करें
अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर भोजन करना कैसे चाहिए? तो हम आपको बता दें कि भोजन करने से पहले आप लोगों को स्वच्छ वस्त्र तो पहनना ही चाहिए. इसके अलावा हाथ साफ करके जमीन पर आसान बेचकर भोजन करना सही रहता है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत ही लाभदायक मुद्रा मानी जाती है। अतः जूते चप्पल को आप लोग घर से बाहर ही रखें। जब आप भोजन कर रहे हैं तो उसे शुरू करने से पहले मंत्र का जाप अवश्य करें। यह मंत्र आपको नीचे दिया गया है – ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे।
डिस्क्लेमर: इसलिए एक में दी गई जानकारी मान्यताओं और धर्म की जानकारी के अनुसार दी गई है। अतः इसकी पुष्टि INshortkhabar.com की टीम बिल्कुल भी नहीं करती है। आप अपनी समझदारी के हिसाब से ही निर्णय लें।

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