कौन है भगवान कल्कि? – भगवान कल की अवतार भगवान विष्णु के एक अवतार के रूप में जाने जाते हैं यह भगवान विष्णु का दसवां और सबसे अंतिम अवतार माना जाता है. अगर आप भी इनके बारे में जानना चाहते हैं तो बता दे की अग्नि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु इस अवतार के रूप में कलयुग के अंत में जन्म लेने वाले हैं. और कलयुग की आयु की बात करें तो पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कलयुग 432000 वर्ष तक रहने वाला है. तो ऐसे में तो अभी यह कलयुग की शुरुआत मानी जाती है. कलयुग का अंत होना अभी बाकी है।
कौन है भगवान कल्कि?
कल्कि अवतार, भगवान विष्णु के अवतार कहे जाते हैं. जो कि भगवान विष्णु का दसवां और सबसे अंतिम अवतार माना जाता है। जैसा कि आपको पता है कि भगवान विष्णु ने अलग-अलग युगों में अलग-अलग अवतार लिए हैं. अवतार लेने के पीछे एक मकसद होता है कि वह इस पृथ्वी पर बढ़ाने वाले अधर्म और पृथ्वी पर बढ़ाने वाले पाप का नाश करने के लिए जन्म लेने वाले हैं. ऐसे ही जब पृथ्वी पर काफी सारा पासवर्ड बढ़ जाएगा तो इस कलयुग की अंत तक कल्कि अवतार के रूप में भगवान विष्णु जी अवतरित हो जाएंगे.
कलयुग का कितना समय बीत चुका है?
बता दे की पौराणिक सदस्यों के अनुसार समय को चार भागों में बांटा गया है. यह चार युग सतयुग, त्रेता युग द्वापरयुग और कलयुग है. कलयुग सबसे अंतिम माना जाता है. इसकी शुरूआत भगवान श्री कृष्ण के जन्म से मानी जाती है अर्थात भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग के अंत में और कलयुग की शुरुआत में हुआ था. इस हिसाब से वर्तमान में अभी कलयुग की आयु 432000 मानी जा रही है. और कलयुग का समय की बात करें तो इसके अभी तक 5125 वर्ष बीत चुके हैं.
भगवान विष्णु का कल्कि अवतार किसका वध करने के लिए होगा ?
ऐसा माना जाता है कि धार्मिक ग्रंथो के अनुसार अगर भगवान विष्णु कलयुग के अंत में जब कल्कि अवतार के रूप में जन्म लेंगे. तो इसका मकसद धर्म की नानी को रोकना रहेगा और जो दुष्ट पापी लोग धर्म का नाश करने के लिए कोशिश करते रहते हैं ऐसे लोगों को सबक सीखना भी रहेगा. इसके अलावा भगवान विष्णु का इसे अंतिम अवतार माना जाता है जो कि धर्म की छाती को रोकने के साथ-साथ एक कली नामक राक्षस का वध करने के लिए भी भगवान विष्णु जन्म लेने वाले हैं. इसके बाद में पुनः सतयुग का प्रारंभ हो जाएगा और वही सर्कल चालू हो जाएगा.
कल्कि अवतार की भगवान का वाहन
जैसा कि आप सबको पता है कि प्रत्येक युग में भगवान किसी से किसी वाहन पर आते हैं. जब भगवान विष्णु कल की अवतार के रूप में जन्म लेंगे तो ऐसी मान्यता है कि उनका एक सफेद रंग का घोड़ा रहने वाला है इस घोड़े पर सवार होकर वह राक्षसों का बध करेंगे. इस घोड़े को देवदत्त नाम दिया गया है. परशुराम जी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं और कल्कि अवतार में अपना गुरु बनाकर दुष्टो संहार करेंगे. परशुराम जी को इस पृथ्वी पर अमर माना जाता है. क्योंकि उन्हें अमृत का वरदान प्राप्त है ऐसा ग में बताया गया है.
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