
नई दिल्ली । आपको जानकारी हैरानी होगी कि भगवान शिव की 5 पुत्री के नाम इस खबर के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं जो आपको शायद ही पता हो. इसकी वजह से ही आप लोग इंटरनेट पर यह जानकारी सर्च कर रहे हैं. भोलेनाथ कहे जाने वाले शिव जी वास्तव में कितने भोले हैं? यह तो हम सभी जानते हैं जितने उनके भोलेपन की वजह से आप उन्हें जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं ।
तो वही उनकी रौद्र रूप के बारे में जानकारी हर किसी के पैरों तले की जमीन की खिसक जाती है। भगवान शिव के बारे में अधिक जानकारी तो वैसे तो हमें कहीं से भी प्राप्त हो जाती है, लेकिन एक भोलेनाथ को समर्पित पर शिव पुराण है. इसमें भगवान सबके बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है. शिव पुराण में ही बताया गया है कि भगवान शिव की पांच पुत्रियां हैं। उनका जन्म कैसे हुआ? इसके बारे में भी आपके यहां पर बताने वाले हैं।
भगवान शिव की 5 पुत्री के नाम
ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की पांच पुत्रों के बारे में तो उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती को भी नहीं पता था. हम सभी शिव परिवार में केवल शिवजी के अलावा माता पार्वती और गणेश जी और कार्तिकेय को ही जानते हैं. लेकिन आपको जानकारी होगी भगवान शिव की पांच पुत्रियां भी है. हालांकि इसके पीछे एक लंबी कथा है जिसके बारे में तो नीचे बताया गया है. लेकिन भगवान शिव की पांच पुत्रियों के नाम जया, विषहर, शामिल बारी, देव और दोतलि है। माता पार्वती को भी इन कन्याओं के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानकारी थी। यह पांचो कन्या इंसानी रूप में नहीं बल्कि नाग कन्या के रूप में थी।
ऐसे हुआ पांचो नाग कन्याओं का जन्म
भोलेनाथ अर्थात भगवान शिव की 5 पुत्री के नाम तो आप लोगों को बता दिए गए हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती जब एक बार सरोवर में जल कीड़ा करते समय संयोग वश भगवान शिव का वीर्य निकल गया था। इस वीडियो को उन्होंने पास में एक पत्ते पर रख दिया था। इसकी वजह से ही इन पांच पुत्री का जन्म हुआ। लेकिन यह भोलेनाथ की पांच बेटियों को सामान्य रूप में नहीं बल्कि न करने के रूप में पैदा हुई। इनके बारे में माता पार्वती को भी जानकारी नहीं थी।
पांच पुत्रियों के बारे में ऐसे ज्ञात हुआ माता पार्वती को
जब भगवान शिव को अपनी पांच पुत्रियां के बारे में तो सब कुछ क्या था. इसी वजह से वह रोजाना सरोवर में उनके साथ खेलने उनको मिलने के लिए जाया करते थे. शिवजी उन पुत्रों को कार्तिकेय और भगवान गणेश के जितना ही प्यार किया करते थे। इसी दौरान रोजाना यह काम करने पर माता पार्वती को इसके बारे में शक हुआ।
जब एक दिन भगवान शिव शुभह है इन पांचो पुत्रियां के पास मिलने के लिए गए। तो माता पार्वती ने उनके पीछे कहीं और इसके बारे में जानकारी हासिल की। अनजाने में माता पार्वती भगवान शिव की 5 पुत्रियों को मारना चाही। लेकिन भोलेनाथ ने माता पार्वती को रोका और बताया कि यह आपकी ही पुत्री है। और इसके पीछे की पूरी कहानी सुनाई, इसके पसंद माता पार्वती ने इनको अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार कर लिया था।
नागकन्याओं की पूजा करने से मिलता है उत्तम फल
माता पार्वती को पांच पुत्रों के बारे में ज्ञात होने के बाद भगवान शिव ने उन पुत्री को वरदान देते हुए कहा था कि जो कोई भी सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन इनकी पूजा करेगा, उनके परिवार में कभी भी सर्फदंश का भय नहीं सताएगा। इसी के साथ ही उनकी कृपा के अनुसार उनके घर में कभी ना धन की कमी होगी ना ही धान्य की। परिवार में हमेशा सुख शांति समृद्धि छायी रहेगी। इसी कारण कृष्ण पंचमी सावन शुक्ल पश्चिमी के दिन की इन कन्याओं की पूजा की जाती है।

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