आखिर ऐसी की थी तुलसीदास जी ने श्री राम से मूलाकात ? हनुमान जी निभाई भूमिका

तुलसीदास जयंती 2024
तुलसीदास जयंती 2024
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तुलसीदास जयंती 2024: इस समय इंटरनेट पर तुलसीदास जी की जयंती को लेकर काफी सारी शुभकामनाएं वायरल हो रही है लोग अपने जान पहचान वालों को तुलसीदास जी की शुभकामनाएं दे रहे हैं. क्योंकि तुलसीदास जी की जयंती 11 अगस्त 2024 को आने वाली है |

और यह उनकी 527 वीं जयंती होने वाली है. आज हम स्टार्टिंग में बताने वाले की तुलसीदास जी ने हनुमान जी की सहायता से किस प्रकार भगवान श्री राम से मुलाकात की थी? और आप कैसे कर सकते हैं अगर आप भी इसके बारे में जानकारी पाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ सकते हैं।

कब है तुलसीदास की जयंती ?

भारत में तुलसीदास जी को एक राम भक्त के रूप में जाना जाता है जिन्होंने अपनी भक्ति के चलते राम भगवान की पूरी कथा को एक किताब में वर्णित कर दिया है. वाल्मीकि जी के द्वारा लिखी गई संस्कृत वाली रामायण का अवधी भाषा में रूपांतरण तुलसीदास जी के द्वारा ही किया गया था जिसके बल से उन्हें राम भक्त के रूप में काफी अधिक मान्यता प्राप्त हो चुकी है.

उनकी जयंती की बात करें तो 11 अगस्त 2024 को उनकी जयंती मनाई जा रही है यह इनकी 527 वीं जयंती होने वाली है. इनका जन्म की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के सोरों गांव में माना जाता है.

इनका जन्म हिंदू कैलेंडर के हिसाब से श्रावण माह (जुलाई अगस्त) के सातवें दिन को माना जाता है. 2012 में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आधिकारिक रूप से इस स्थान को तुलसीदास जी के आधिकारिक जन्म स्थान के रूप में मान्यता मिल चुकी है.

तुलसीदास जी के माता पिता का नाम

भगवान की भक्ति का जीवन शुरुआत में कष्ट से भरपूर होता है. ऐसे ही शुरुआती समय में तुलसीदास जी का जीवन भी कासन से भरपूर था लेकिन उन्होंने भगवान की भक्ति इतनी सच्चे मन से की है कि उन्हें कष्ट का एहसास ही नहीं हुआ है. उनके माता-पिता का नाम हुलसी और आत्माराम दुबे था. भारद्वाज गोत्र वंश के रूप में जाना भी जाता है.

ऐसी मान्यता है कि तुलसीदास जी अपनी माता के गर्भ में 9 महीने के बाद जब वह पैदा हुए थे तो उन्होंने रोना शुरू ने किया बल्कि राम शब्द का उच्चारण किया. इसके अलावा उनका स्वास्थ्य इस अवस्था में एक 5 साल के बच्चे की तरह था.

जिसकी वजह से लोग उन्हें रामबोला शब्द से उच्चारित करते थे. क्योंकि उन्होंने जन्म की शुरुआत से ही राम शब्द का उच्चारण किया था. और उन्होंने अपने जीवन में भगवान श्री राम और हनुमान जी से मुलाकात भी की थी लिए जानते हैं कैसे?

ऐसे की भगवान राम से मुलाकात

तुलसीदास जी की भगवान राम से अपने जीवन काल में कई बार मुलाकात की है. रिपोर्ट बताती है कि जब वे राम कथा सुनने के लिए काशी गए थे तब उन्हें काशी के घाट पर मनुष्य के भेष में एक प्रेत दिखाई दिया था. इस प्रीत के द्वारा उन्हें हनुमान जी के बारे में पता चला कि वह हनुमान जी से कैसे मुलाकात कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने हनुमान जी से मिलकर भगवान श्री राम से मुलाकात करने की इच्छा जाहिर की थी.

हनुमान जी ने तुलसीदास को बताएं कि भगवान श्री राम चित्रकूट में मिल सकते हैं इसके बाद तुलसीदास जी रघुनाथ से मुलाकात करने के लिए चित्रकूट की और निकल पड़े. और चित्रकूट पहुंचकर देखा कि दो अत्यंत सुंदर राजकुमार घोड़े पर सवार होकर धनुष बाण लिए उनकी ओर आ रहे हैं. लेकिन तुलसीदास जी उन्हें नहीं पहचान पाए. हनुमान जी ने उन्हें बताया कि आप अगले दिन पुनः इसी समय उनके दर्शन कर सकते हैं.

अगले दिन फिर से एक बाल स्वरूप राम जी ने तो पिताजी को दर्शन दिए और उनसे कहा कि बाबा हमें चंदन चाहिए। क्या आप हमें चंदन दे सकते हैं? इसके बात हनुमान जी ने पुनः जाकर भगवान श्री राम जी का भेद तुलसीदास जी के सामने खोल दिया और बता दिया कि यही श्री राम जी है. इस दौरान एक दो आर्थिक प्रचलित हुआ था-

चित्रकूट की घाट पर, भई संतन की भीड़ |

तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक करे रघुवीर ||