
नई दिल्ली । भगवान शिव शंकर के भक्तों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है क्योंकि अगले महीने ही महाशिवरात्रि का त्यौहार आने वाला है. अगर आप भी इंटरनेट पर काफी लंबे समय थे महाशिवरात्रि कब है यह सर्च कर रहे हैं तो आपके लिए यह अच्छी खबर होने वाली है. सभी शिव भक्तों के लिए और सनातनी के लिए एक और त्योहार भगवान शिव जी का अगले महीने 8 मार्च को मनाया जा रहा है ऐसे में कई सारे लोगों के मन में यह डाउट है कि महाशिवरात्रि का त्यौहार कैसे मनाना चाहिए?
महाशिवरात्रि 2024
आप सबको बता देना चाहते हैं कि इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार अगले महीने 8 मार्च को मनाया जा रहा है. अगर आपको महाशिवरात्रि के त्यौहार के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है तो आपको जान लेना चाहिए कि इसे हर साल फाल्गुन मास्क में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव शंकर और माता गौरी जी की पूजा की जाती है। हर सनातनी व्यक्ति के लिए यह दिन बहुत ही ज्यादा खास होता है क्योंकि इस दिन उनके इष्ट देव भोलेनाथ का त्यौहार है।
महाशिवरात्रि कब है 2024 ?
स्थल महाशिवरात्रि का त्योहार 2024 में 8 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है. लेकिन आप ऐसे विशेष शुभ मुहूर्त पर ही मनाए तो यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक हो सकता है. भगवान भोलेनाथ और माता गौरी की पूजा महाशिवरात्रि के दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. जिसकी पूजा का समय शाम को 6:25 से शुरू हो रहा है। एवं खत्म 9:28 पर हो जाएगा । आईए जानते हैं महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त क्या है?
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2024
इस साल महाशिवरात्रि पर चार प्रकार के प्रहार मुहूर्त पढ़ रहे हैं. इनमें से किसी भी मुहूर्त में पूजा की जा सकती है. एक मुहूर्त की शुरुआत तो हुई शाम को 8 मार्च को 6:25 से 9:28 तक शुरू हो जाता है. लेकिन इसके अलावा रात्रि द्वितीय प्रहार पूजा का समय 9:28 से शुरू होकर अगले दिन 9 मार्च को रात को 12:31 तक है.

जबकि तृतीय प्रहार के दिन पूजा का समय रात को 12:31 से शुरू होता है और 3:34 तक, रात्रि के समय चतुर्थ प्रहर में महाशिवरात्रि की पूजा का समय सुबह 3:34 से शुरू और 6:37 पर खत्म हो रहा है। निशिता काल मुहूर्त की शुरुआत रात को 12:07 से अगले दिन 9 मार्च को 12:55 तक है। जबकि व्रत पारण समय की शुरुआत सुबह 6:37 से शुरू होकर 3:28 तक 9 मार्च तक है।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि कैसे करें?
वैसे तो आप लोगों को किसी भी प्रकार की इससे संबंधित जानकारी लेने की नजदीकी पंडित जी से सही जानकारी लेनी चाहिए. लेकिन हम आपको बता दे कि धर्म की जानकारी के अनुसार इस दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह प्रातः जल्दी उठकर स्नान करने के बाद अपनी पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान शिव के व्रत का संकल्प ले. तत्पश्चात आपके उपवास के दौरान आप फलाहार भी कर सकते हैं।
तत्पश्चात आप शुभ मुहूर्त के दौरान भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं तथा शंकर भगवान को पंचामृत से भी स्नान करना होगा। केसर मिश्रित जल को भोलेनाथ पर चढ़कर एक ही का दीपक अवश्य जलाएं, कोशिश करें कि यह दीपक पूरी रात जल सके। इसके अलावा अपने माथे पर चंदन का तिलक लगाकर भगवान शिव की पसंदीदा सामग्रीय जैसे कि बेलपत्र भांग धतूरा इत्यादि अपनी पूजा सामग्री में शामिल करें। और पूरी विधि विधान के साथ पूजा पाठ करने के पश्चात प्रसाद को सबको खिलाने के बाद स्वयं ग्रहण करें।

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