शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जी की किस रूप की पूजा सबसे फलदाई है? पूरी जानकारी

हनुमान जी की किस रूप की पूजा सबसे फलदाई है?
हनुमान जी की किस रूप की पूजा सबसे फलदाई है?
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सनातन धर्म के लोगों के लिए हनुमान जी की किस रूप की पूजा सबसे फलदाई है? यह जानना बहुत ही आवश्यक बात होती है लेकिन हम आपको बता दें कि हनुमान जी की कई प्रकार के रूप है और इन रूपों में सबसे ज्यादा महत्व पंचमुखी हनुमान जी को दिया जाता है अगर आपको सपने में पंचमुखी के हनुमान जी के दर्शन होते हैं तो ऐसा माना जाता है कि आपसे बजरंगबली बहुत ज्यादा खुश है और आपके साथ बहुत कुछ शुभ होने वाला है।

हनुमान जी की किस रूप की पूजा सबसे फलदाई है?

इसी वजह से हनुमान जी की जितने भी सभी रूप हैं और सब में पंचमुखी हनुमान जी का रूप सबसे अच्छा माना जाता है और इस पंचमुखी हनुमान जी की पूजा सबसे फलदाई मानी जाती है। ‌ इसी वजह से अगर आप इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं कि की हनुमान जी की किस रूप की पूजा करने से सबसे ज्यादा फल मिलता है तो आपको पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए इसके संबंध में जानकारी बागेश्वर धाम के पिता ईश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा अपनी प्रवचन में कई बार दिया गया है।

पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से क्या लाभ होता है? अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से कुछ लाभ प्राप्त होता है या नहीं! या फिर अगर हम पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करते हैं तो इससे हमें कौन सांप वाले प्राप्त होता है तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से एक तरफ तो दुष्ट शक्तियों का नाश होता है दूसरी तरफ आपके आसपास होने वाली नकारात्मक उर्जा भी आपसे दूर भागने लगती है और बुराई से रक्षा करने के लिए हनुमान जी हमेशा तट पर रहते हैं चाहे कोई भी नकारात्मक ऊर्जा पांचो दिशाओं से आप पर हमला क्यों ना करें? हनुमान जी उसका नाश कर देते हैं।

संजीवनी हनुमान जी का फोटो की पूजा करने से क्या होता है?

पंचमुखी हनुमान जी के अलावा संजीवनी हनुमान जी की पूजा करने से काफी लाभ प्राप्त होता है. शास्त्रों के मुताबिक अगर आपको कोई रोक लंबे समय से परेशान कर रहा है या आप किसी रोग से पीड़ित हैं और उससे संबंधित समस्या का निधन चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको हनुमान जी के संजीवनी रूप की पूजा करनी चाहिए। ‌ क्योंकि जब लक्ष्मण जी को मेघनाथ के द्वारा दिया गया घटक वस्त्र लगा था तो उसे समय ऋषि के आदेश पर हनुमान जी संजीवनी पर्वत को उठाकर ले आए थे। हाथ में पर्वत लेकर उड़ने की स्वरूप को हनुमान जी का संजीवनी स्वरूप कहा जाता है। बजरंगबली संकट मोचन के इस रूप की पूजा भी बहुत लाभदायक होती है। ‌

डिस्क्लेमर: यहां पर दी गई समस्या जानकारी लोक मान्यता और रामायण के अनुसार दी गई है अतः हमारी INshortkhabar की टीम इसके सही होने की पुष्टि बिल्कुल भी नहीं करती है. किसी भी उपाय को करने से पहले और हनुमान जी की पूजा विधि के बारे में जानने से पहले अपने नजदीकी किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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