आप क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह? इसके पीछे की यह रही बड़ी वजह ‌!

आप क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह? इसके पीछे की यह रही बड़ी वजह ‌! Ek Hi Gotra Mein Shaadi Kyon Nahi Kar sakte Hai ?
आप क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह? इसके पीछे की यह रही बड़ी वजह ‌! Ek Hi Gotra Mein Shaadi Kyon Nahi Kar sakte Hai ?
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क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह? – शादियों को सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में सभी लोगों के मन में अलग-अलग प्रकार के सदियों से संबंधित प्रश्न आते रहते हैं उन प्रश्नों का सही समय पर सही जवाब मिलना भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। हमारे हिंदू ग्रंथो के अनुसार जब भी कोई शादी होती है तो वहां पर माना जाता है की देवी देवताओं का मंदिर के समान मंडप होता है और दूल्हा दुल्हन का रूप उसे समय किसी देवता से काम नहीं होता है। इसी के साथ-साथ शास्त्र में बताया जाता है कि हिंदू धर्म में बिना मंत्रोच्चारण के की गई शादी सफल नहीं होती है।

या उसे शादी नहीं माना जाता है। आजकल आप लोग कई सारे ऐसे केस देखे जा सकते हैं कि जहां पर लड़का लड़की बिना शादी के एक साथ ही रहने लगते हैं या फिर कोई लड़का किसी लड़की को भगा कर ले जाता है और उसे अपने साथ रख लेता है बिना शादी किए। जबकि हमारे साथ इस प्रकार की शादी को कोई महत्व नहीं देते हैं। लेकिन आपके मन में एक सवाल तो जरूर उठ रहा होगा कि आखिर एक ही गोत्र में हमारे धर्म में लड़का लड़की शादी क्यों नहीं कर सकते? इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है आईए जानते हैं।

क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह?

जब भी हमारे घरों में कोई लड़का या लड़की शादी कर्णायक हो जाती है तो सबसे पहले लड़के को देखने के बाद पंडित जी से उसकी कुंडली मिलाई जाती है. कुंडली कई सारी बातों पर निर्भर करती है इसमें नाम के साथ-साथ गोत्र का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है इसलिए पंडित जी कुंडली मिलाने से पहले गोत्र के बारे में हमसे पूछते हैं। अगर लड़का या लड़की दोनों का गोत्र एक समान निकल जाता है तो ऐसे में शादी नहीं होती है कहा जाता है कि समान गोत्र के लड़का – लड़की गो के हिसाब से भाई बहन कहलाते हैं। ‌ लेकिन इसके पीछे कथा भी है जिसके बारे में आपको बताने वाले हैं।

एक ही गोत्र में शादी क्यों नहीं करनी चाहिए, इसके पीछे कथा ‌?

आप लोग अगर थोड़े बहुत भी अपने धर्म के बारे में जानकारी रखते हैं. तो आपको सप्तर्षियों के बारे में पता ही होगा. जिनका वर्णन अनादि काल से हमारे धर्म में मिलता है। ‌ जब भी पहले के समय में भगवान या किसी देवी देवता के यहां पर कोई अनुष्ठान होता था तो ऐसी स्थिति में सप्तर्षियों को बुलाया जाता था। अगर आप समान गोत्र में शादी करने की भूल करते हैं यह कोशिश भी करते हैं तो ऐसा माना जाता है कि आप सप्तर्षियों की परंपरा का उल्लंघन कर रहे हैं।

आप क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह? इसके पीछे की यह रही बड़ी वजह ‌! Ek Hi Gotra Mein Shaadi Kyon Nahi Kar sakte Hai ?
IMG: Istock

जिसकी वजह से आपके विवाह में दोष उत्पन्न हो जाता है और आपका वैवाहिक जीवन भविष्य में संकट में आने की स्थिति पैदा हो जाती है। हम सभी सप्तर्षियों की संतान माने जाते हैं। प्रत्येक सप्त ऋषि का अपना अलग कुल या गोत्र होता है। ‌ अगर आप एक ही को तो मैं शादी करते हैं तो आपके पूर्वज समान होते हैं। जिसकी वजह से गोत्र के हिसाब से भाई बहन होते हैं।‌ जब भी शादी की जाती है तो माता के गोत्र पिता के गोत्र और दादी के गोत्र को छोड़ दिया जाता है। ‌ इसके अलावा किसी भी गोत्र में विवाह किया जा सकता है।

एक ही गोत्र में विवाह करने से क्या होगा ?

दरअसल कुछ धर्म के जानकार बताते हैं कि अगर आप एक ही गोत्र में शादी करते हैं तो इससे आपका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। अतः इसे आपकी आने वाली संतान में मानसिक या शारीरिक दोष पैदा होने के साथ दंपति का जीवन कभी भी खुश खुशहाल नहीं रहेगा। गोत्र में होने वाली सभी दोष और बीमारियों को समान गोत्र में विवाह करने वाले दंपत्ति की संतान में निर्वाहन हो जाता है |

आप क्यों नहीं कर सकते एक ही गोत्र में विवाह? इसके पीछे की यह रही बड़ी वजह ‌! Ek Hi Gotra Mein Shaadi Kyon Nahi Kar sakte Hai ?
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जिसकी वजह से कई सारे परेशानियों का यह कारण बन सकता है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताया जाता है कि समान गोत्र में शादी करने से भविष्य में कई प्रकार की समस्या पैदा होती हैं। ‌ जो कि आनुवांशिक दोष अर्थात आरएनए डीएनए का नई पीढ़ी में निर्वाण होने की वजह से जो समस्याएं या विचारधारा पुरानी पीढ़ी की लोगों की होती है वही उसमें आ जाती है। ‌


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