
अगर आप भी इंटरनेट पर होली के बारे में सर्च कर रहे हैं क्योंकि 25 मार्च 2024 को इस साल होली आ रही है और होली खेलने के अवसर पर कई सारे लोगों को यही पता नहीं होता है कि अगर होली क्यों सेलिब्रेट की जाती है अगर आप उनमें से ही एक है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीछे कई सारे धार्मिक कारण होने के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. क्योंकि होली एक सनातन धर्म का त्यौहार है जो की एक वैज्ञानिक धर्म भी कहा जाता है। इसलिए होली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण और धार्मिक कारण भी है।
होली शुभ मुहूर्त 2024
सबसे पहले तो यह जान लेना आवश्यक है कि इस साल होली का त्यौहार 25 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है क्योंकि 24 मार्च को होलिका दहन है. शुभ मुहूर्त में होलिका का ध्यान करने के पश्चात हिंदू पंचांग के अनुसार 25 मार्च को दोपहर 12:00 बजे से लेकर 29 मिनट पर होली खेली जा सकती है. हालांकि इसके शुभ मुहूर्त की शुरुआत 24 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सुबह नमाज का 54 मिनट से हो जाती है जो कि अगले दिन 12:29 तक रहती है.
होली एक खुशियों का त्यौहार होने के साथ-साथ इस रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है । क्योंकि होली के दिन सभी लोग अवश्य मेडिकल कर एक दूसरे के साथ रंग की होली खेलते हैं. इसी वजह से एक छोटा सा लॉजिक निकलकर आता है की खुशियों को सेलिब्रेट करने के लिए ही होली का त्योहार मनाया जाता है. लेकिन इस रंगों के त्यौहार को मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण होने के सांसद धार्मिक कारण भी है. हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी के अवसर पर फाल्गुन पूर्णिमा के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है.
होली बनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण
होली मनाने के पीछे बकरी खराड़ी यह है कि यह त्यौहार मौसम में परिवर्तन होने की वजह से मनाया जाता है. अर्थात अब होली के बाद से गर्मियों की शुरुआत हो जाती है मौसम में परिवर्तन होने की वजह से इस त्यौहार को भारतीय संस्कृति में मनाया जाता है. अगर आप होली का त्योहार इस समय मानते हैं तो इसका चित्र मतलब की हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है.
इतना ही नहीं कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि जब हम होलिका दहन के दौरान उसकी परिक्रमा करते हैं तो हमारे शरीर से कई सारे बैक्टीरिया को कीटाणु नष्ट हो जाते हैं. इस दिन मौसम में परिवर्तन होने के कारण हमारा आलस से भरा हुआ शरीर एक नई ऊर्जा के साथ नया काम करने के लिए तैयार हो जाता है. आप चाहे किसी भी मजहब के हो आप लोगों को होली का त्योहार मनाना चाहिए. अगर साइकोलॉजी के हिसाब से देखा जाए तो रंग हमारे दिमाग में सकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं. इसी वजह से हमारा मन शांत और चंचल हो जाता है.
होली बनाने के पीछे धार्मिक कारण
धार्मिक कारण के अंतर्गत होली बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाई जाती है. इसका संबंध भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार और हिरण्यकश्यप की बहन होलिका की मौत से जुड़ा हुआ है. आप सब लोगों ने प्रहलाद की कहानी के बारे में तो सुना ही होगा. जो हिरण्यकश्यप का पुत्र होने के बावजूद भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहता है जो कि इसके पिताजी को बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है क्योंकि वह एक राक्षसकुल के लोग हैं.
अतः वह खुद को ही भगवान मानता आता है जिसकी वजह से उसे करने के लिए कई सारे प्रयास करने के बावजूद भी आखिर में अपनी बहन होलिका को बुलाकर अपनी गोद में प्रहलाद को होली का अपनी गोद में बिठाकर उसे जलती हुई लड़कियों के ढेर पर बैठा देता है. क्योंकि होलिका को आग में ना जलने का प्रधान प्राप्त है । लेकिन प्रहलाद भगवान विष्णु की भक्ति में इतना लेने रहता है कि उसको कुछ राहत सी नहीं होता है वह भगवान विष्णु से इस संकट से बचकर होलिका का वध कर देते हैं. यह होली बनाने के पीछे धार्मिक कारण है।

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